Friday, September 10, 2010

टेंशन छोड़े और मौज करे !






तनाव और टेंशन पूरी तरह से दूर नहीं किया जा सकता ये बात हम सभी जानते है लेकिन इसे बेहतर तरीके से मैनेज करते हुए जिंदगी को मजे से जी सकते है । बदलते समय , नयी चुनौतिया , पारिवारिक परिस्थितिया , शारीरिक और आर्थिक बदलाव , भावनात्मक बदलाव, स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओ के कारन "तनाव " या " स्ट्रेस का जन्म होता है। शुरू में इसका पता नहीं चलता है , लेकिन धीरे धीरे यह जब बहुत बढ़ जाता है तब यह आगे चलकर उच्चा रक्तदाब , दिल की बीमारियों में तब्दील हो जाता है । साथ ही इसके दुसरे साइड एफ्फेक्ट्स भी दिखने लगते है जैसे के आत्महत्या , अवसाद, निराशा, हताशा ।


मुझे ऐसा लगता है के जितना जल्दी हमें पता चल जाये की हम तनाव के शिकार है उतना ही जल्दी हम इससे बच सकते है । जाने अनजाने में हम तनाव को ऐसे बुला लेते है


१) पारिवारिक कारण जैसे की तलाक, किसी करीबी रिश्तेदार की मृत्यु हो जाना, शादी या बच्चो का जन्म , परिवार से दूर रहकर नौकरी, शिक्षा के क्षेत्र में असफ़लता , प्रेम विच्छेद


२) व्यक्तिगत कारण जैसे की कोई बड़ा लोन लेना , सोने और खान पान के और जीवन जीने के क्रिया कलापों में बड़े बदलाव होना, ।


३) काम से जुड़े कारण जैसे की ज्यादा समय तक काम करना, नौकरी जाने का डर, नौकरी में बदलाव, कम समय में ज्यादा काम का लक्ष्य, सेल्स के टार्गेट, बॉस का असहयोग, सहकर्मियों का असहयोग, डेड लाईन्स, व्यवसाय या नौकरी में ज्यादा प्रतिस्पर्धा, रात की शिफ्ट में काम, आत्मविश्वास में कमी, नशीली वस्तुओं की आदत ।


तनाव से हममे से कई को बड़ी खतरनाक बीमारिया बिना बुलाये आ सकती है, जैसे की डिप्रेशन , हाई ब्लड प्रेशर, पेट के अल्सर , पाचन सम्भंदी विकार, उलटिया होना, डायरिया, हार्ट फ़ैल, मानसिक रोग, और अन्य कई ।


हम सब स्वयम में कोई बड़ा बदलाव देखे जैसे की पहले से ज्यादा चिर्चिरापन, नींद कम आना, सर में बार बार दर्द, जल्दी गुस्सा आ जाना, खुद से नाराज हो जाना, हर बात के लिए कभी खुद को कभी किसी को जिम्मेदार मान लेना, ज्यादा उम्मीद करना, अकेले बैठने का मन करना, आत्मविश्वास में कमी का एहसास अआदी आदि तो ध्यान देना कही ये स्ट्रेस तो नहीं ?


बचने के लिए हम यह कर सकते है की,


१) सबसे पहले ये तय कर ले की वो कौनसे पॉइंट्स है जहा हमें सोचकर या बाते करके तनाव आ जाता है, उनको सोचना और गंभीरता से लेना छोड़ दे, जिन समस्याओ को हम बदल सकते है, कम कर सकते है उन्हें तत्काल रूप से हल कर दे।


२) भावनात्मक रूप से मजबूत बने, नकारत्मक भाव को खुद पर हावी न होने दे।


कई लोग तनाव को मेनेज करने के लिए ऐसे रास्ते चुनते है जो तनाव को दिन दूना रात चौगुना बढ़ा ही देते है, जैसे शराब ज्यादा पीना, सिगार पीना, दृग्स लेना, गुस्सा निकालना, अकेले घंटो बैठकर सोचते रहेना


तनाव से बचने के लिए हम अच्छी आदते ढाल सकते है जैसे की संतुलित भोजन करना, कसरत करना, योग और ध्यान करना, सुबह की सैर , जोग्गिंग, संगीत और खेल में हिस्सा लेना, काम और परिवार के बिच संतुलन करना, सकारात्मक सोचना, ऐसे लोगो का साथ छोड़ना जो हर बात पर नेगटिव सोचते हो, समाज में सबसे मिलना, अछि नींद लेना, अपने दिल की बात दुसरो से करना ।


तनाव बहुत ज्यादा हो जाने पर कौंसलर से मिलकर ही इल्लाज कराना बेहतर होता है, खुद होकर इससे बचा नहीं जा सकता ,


आपको सुखमय जीवन की शुभकामना ! और आइये, टेंशन छोड़े और मौज करे, !